लंबे इंतजार के बाद महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों ने रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया है. देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में अधिकतम कीमत 3,200 रुपये तक पहुंच गई, जो इस सीजन में अब तक की सबसे ऊंची कीमत है। अधिकांश मंडियों में न्यूनतम कीमत 1,000 रुपये से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। इस कारण प्याज उत्पादक इस बात से खुश हैं कि अगर कुछ महीने और दाम ऐसे ही रहे तो इस साल का सारा घाटा पूरा हो जाएगा। सोलापुर मंडी में भी कीमतें बढ़ी हैं, जहां पहले आगंतुकों की अधिकतम संख्या के कारण कीमतें बहुत कम थीं। महाराष्ट्र कृषि एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, 3 जून को सोलापुर में रिकॉर्ड 11,695 क्विंटल प्याज की आवक के बावजूद, अधिकतम कीमत 3,200 रुपये और औसत कीमत 1,600 रुपये तक पहुंच गई, हालांकि न्यूनतम दाम पहले की तरह सिर्फ 100 रुपये प्रति क्विंंटल ही रहा।
इसी तरह मुंबई अनियन एंड पोटैटो मार्केट में रिकॉर्ड 12445 क्विंटल प्याज की आवक के बावजूद न्यूनतम दाम 1700, अधिकतम 2500 और औसत दाम 2100 रुपये प्रति क्विंटल रहा। रायगढ़ जिले की पेण मंडी में तो न्यूनतम दाम 2400 रुपये प्रति क्विंटल रहा। महाराष्ट्र के किसान अक्सर सरकार से 3000 रुपये प्रति क्विंटल का थोक दाम मांगते रहे हैं, क्योंकि उनकी लागत 1500 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच आती है. वर्तमान रबी सीजन में प्याज का इतना थोक दाम पहली बार हुआ है। इससे पहले 29 को सोलापुर में ही 3200 रुपये प्रति क्विंटल का भाव था।
क्यों बढ़ रहे है दाम:
प्याज के थोक दाम में वृद्धि के पीछे सबसे बड़ी वजह इसकी निर्यातबंदी को हटाना है। लोकसभा चुनाव में नुकसान की संभावना को देखते हुए सरकार ने 4 मई को प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया था। इसके बाद धीरे-धीरे दाम बढ़ने शुरू हुए। लोकसभा चुनाव का परिणाम आते-आते प्याज का दाम इस रबी सीजन के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। हालांकि सरकार ने प्याज एक्सपोर्ट पर 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) और उस पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई हुई है। इसके बावजूद प्याज के दाम में वृद्धि हो रही है, क्योंकि प्याज का निर्यात हो रहा है। प्याज की निर्यात बंदी को खोले एक महीना हो चुका है। किसान निर्यात पर लगी एमईपी और 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी को हटाने की मांग कर रहे हैं जिससे कि दाम में थोड़ी और वृद्धि हो और उन्हें पिछले साल से ही हो रहे घाटे से उबरने में मदद मिले।
पिछले साल प्याज की कीमतों ने आम आदमी तो किया था परेशान:
साल 2023 में सप्लाई कमी के कारण प्याज की कीमत 100 के स्तर को पार कर गई और बाद में एक्सपोर्ट बैन के कारण जनवरी 2024 तक गिर गई।