प्याज किसानों को धोखा दे रही है सरकार

केंद्र सरकार को लेकर प्याज किसानों का गुस्सा नहीं थम रहा है। पहले महंगाई के कारण निर्यात रोकी अब इलेक्शन में वोट की खातिर निर्यातबंदी हटा जरूर दी है, लेकिन शर्तों के साथ। जिससे प्याज उत्पादकों का कोई फायदा नहीं हो रहा है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं की प्याज किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल में प्याज बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्याज उत्पादन होता है। यहां के किसानों का गुसा सरकार पर फुट पड़ा है। किसानों का कहना है कि सरकार ने केवल दिखावे के लिए प्याज निर्यातबंदी हटाई है। सरकार ने निर्यात के लिए जो शर्तें लगाई हैं उससे किसानों का फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही हो रहा है।

महाराष्ट्र में कम आवक के बावजूद प्याज के दाम नहीं बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार निर्यातबंदी हटने के 11 दिन बाद भी प्याज के दाम नहीं बढे हैं। महाराष्ट्र का किसान सरकार से सवाल कर रहा है की आखिर अब भी किसानों को प्याज 1 या 2 रुपये किलों में बेचना पड़ रहा है तो निर्यातबंदी हटाने का क्या फायदा।

100 रुपये प्रति क्विंटल दाम पर प्याज बेचने को मजबूर
महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार 13 मई को सोलापुर की मंगलवेढा मंडी में सिर्फ 216 क्विंटल प्याज की आवक हुई। इसके बावजूद अधिकांश किसानों को सिर्फ 100 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। अधिकतम दाम 1600 और औसत दाम 1150 रुपये प्रति क्विंटल रहा। इसी तरह सोलापुर प्याज मंडी में 11450 क्विंटल की आवक हुई। यहां भी किसानों को सिर्फ 100 रुपये क्विंटल के न्यूनतम दाम पर प्याज बेचना पड़ा। यही हाल धुले मंडी का रहा जहां सिर्फ 248 क्विंटल की आवक के बावजूद किसानों को न्यूनतम कीमत 200 रुपये क्विंटल ही मिली।

शर्तों की वजह से नहीं बिक रहा प्याज
महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले के अनुसार सरकार ने किसानों को धोका दिया है। असल में सरकार ने केवल लोकसभा इलेक्शन में दिखावे के लिए निर्यातबंदी हटाने का निर्णय लिया था। जिसका कोई फायदा किसानों को नहीं हुआ।

सरकार ने किसानों को दिया धोका
सरकार ने 7 दिसंबर 2023 को प्याज के बढ़ते दरों को काबू में लाने के लिए प्याज की निर्यातबंदी की थी। किसानों और निर्यातकों के भारी विरोध के बाद 4 मई को निर्यातबंदी खत्म कर दी गई। लेकिन 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य और उस पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी की शर्त के साथ। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के प्याज की डिमांड कम हो गई है।

किस मंडी में कितना है प्याज का दाम
महाराष्ट्र के राहूरी मंडी में 14 मई को 13727 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई थी। इसके बाद भी यहां प्याज का न्यूनतम दाम 100, अध‍िकतम दाम 1800 और औसत दाम 950 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक पहुंच गया। वहीँ पुणे में क्व‍िंटल 378 प्याज की आवक दर्ज की गई। इस मंडी में न्यूनतम दाम 500, अध‍िकतम 1200 और औसत दाम 850 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा। सोलापुर के कोपरगांव में 11450 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई। यहां पर न्यूनतम दाम 100, अध‍िकतम 2500 और औसत 1200 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा। धुले ज़िले मंडी में 248 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई। यहां पर न्यूनतम दाम 200, अध‍िकतम 1430 और औसत दाम 1200 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा।

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