भारत में प्याज को बड़े ही चाव से खाया जाता है। सब्जियों से लेकर नमकीन और यहां तक की रोडसाइड पर मिलने वाले फास्ट फूड मे भी प्याज का उपयोग भरपूर मात्रा में किया जाता है।
ऐसे में प्याज की डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है फिर चाहे वो गर्मी हो या ठंडी। इतना ही नही प्याज की खेती से किसानों को भी जबरदस्त लाभ मिलता है। नॉर्मल प्याज की तरह हरी प्याज की भी मार्केट में अच्छी डिमांड देखने को मिलती है।
आइए जानें की कैसे होती है हरी प्याज की खेती?
हरी प्याज की खेती शुरु करने के लिएं सितंबर से नवंबर के महीने को सबसे अच्छा माना गया है। इसकी खेती के लिएं 20 से 27 डीग्री के टेंपरेचर को सबसे अच्छा माना जाता है और इसके लिए 5 से 6.5 ph वैल्यू वाली दोमट मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है।
प्रति हेक्टेयर इसकी खेती करने के लिएं 6 से 7 किलो बीज की ज़रूरत होती है। इसकी बुवाई से पहले पौधो को क्वारी में बोकर तैयार किया जाता है।
जब हरी प्याज का तना तीन सेंटीमीटर तक मोटा हो जाएं, तो उसको तोड़ लेना चाहिए, एक हेक्टेयर में करीब 500 क्विंटल तक की पैदावार हो सकती है।