धूप, अगरबत्ती के बाद अब गाय के गोबर से साबुन भी तैयार हो गया है। यह पहल हिमाचल के कंडाघाट विकास खंड की देलगी पंचयत की महिलाओ ने की है। गाय के गोबर से नहाने और कपड़े धोने के साबुन के अलावा इन महिलाओंने शैम्पू और वाशिंग पाउडर का भी निर्माण किया है। वाशिंग पाउडर के साथ साथ इसकी पैकिंग भी काफी आकर्षक है।
इन सभी चीज़ो के अलावा ये महिलाएं मूर्तियां, हवन सामग्री भी बना रही है। मूर्तियों और साबुन के लिए एक सांचे का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मूर्तियां और साबुन काफी तेज़ी से तैयार हो रहे है।
खुद से ही बनाती हैं कच्चा माल
सबसे हैरान करने वाली बात ये है की महिलाएं सभी सामान को तैयार करने के लिए कच्चा माल भी खुद तैयार कर रही है। ये महिलाएं धूप और अगरबत्ती तो पहले से ही बना रही है। हलाकि, अब उन्होंने रोज़गार को बढ़ावा देते हुए और प्रोडक्ट्स भी तैयार करना शुरू कर दिया है। पिछले साल कोठी गांव की सेल्फ जागृति हेल्प ग्रुप की महिलाओं ने इस तरीके की खोज की।
डेढ़ साल पहले ली थी ट्रेनिंग
सेल्फ जागृति हेल्प ग्रुप की प्रधान मीरा ने बताया की उन्होंने इन सभी चीज़ो की ट्रेनिंग डेढ़ साल पहले ली थी। इसके बाद से ही वो ये प्रोडक्ट्स बाकि महिलाओं के साथ तैयार कर रही है। उनका उद्देश्य लोगों को यह बताना है की गाय के दूध और घी के साथ साथ उनका गोबर भी काफी काम आता है।