लखनऊ : कृषि यांत्रिकीकरण योजना (Krishi Yantra Subsidy Scheme) किसानों के लिए खेती में इस्तमाल होनेवाले यंत्रों या मशीनरी को कम कीमत में अनुदान देते हुए उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्देश्य है | इस योजना के तहत किसान इसका लाभ किसतरह उठा सकते है इसकी जानकारी कृषि विभाग ने जारी की है | दर्शन पोर्टल में इस संदर्भ में सभी प्रकार की जानकारी आप प्राप्त कर सकते है |
किसानों स्वयं सहायता समूह और कृषक उत्पादक संगठनों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने को लेकर कृषि विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए। 10 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक के कृषि यंत्रों के लिए जमानत राशि 2500 रुपये होगी जबकि इससे अधिक के कृषि यंत्र कस्टम हेयरिंग सेंटर या फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए जमानत राशि पांच हजार रुपये होगी। सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना और प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप योजना के तहत कृषि यंत्रों के लिए लाभार्थियों को दर्शन पोर्टल पर रजिस्टर करना अनिवार्य होगा।
ई-लॉटरी के आधार पर होगी चयन प्रक्रिया
लाभार्थी का चयन ई-लाटरी के आधार पर किया जाएगा। चयनित लाभार्थी को 30-45 दिनों के भीतर कृषि यंत्र क्रय कर बिल पोर्टल पर अपलोड करना होगा, नहीं तो उनकी जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी। किसानों को कृषि यंत्र पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए जमानत राशि ऑनलाइन ही जमा करनी होगी।
दस्तावेज अपलोड करना होगा जरूरी
लाभार्थी के चयन होने की तिथि से कृषि यंत्र क्रय कर विभागीय पोर्टल पर क्रय रसीद, यंत्र की फोटो विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। कस्टम हायरिंग सेंटर या फार्म मशीनरी बैंक के लिए यह अवधि 45 दिन की होगी। यदि समय पर उक्त दस्तावेज अपलोड नहीं किए गए तो लाभार्थी की जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी और उसके स्थान पर दूसरे किसान को इसका लाभ मिल जाएगा।
अनुदान प्राप्त करने वाले लाभार्थी के लिए दिशा निर्देश
कृषि विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मानव चालित या पशु चालित कृषि यंत्र पर एक बार अनुदान प्राप्त करने वाले लाभार्थी अगले तीन वर्षों तक योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। वहीं, शक्ति चालित कृषि यंत्रों के लिए यह अवधि पांच वर्ष की होगी। फार्म मशीनरी बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर 10 वर्ष के उपरांत ही दोबारा इस योजना का लाभ ले सकेंगे। बता दें कि इस वित्तीय वर्ष करीब 335 करोड़ रुपये कृषि यंत्र अनुदान के रूप में राज्य सरकार व्यय करेगी। कृषि यंत्रों पर 40-50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।