मणिपुर में उगाये जाने वाला black rice भारतभर में अपनी औषधीय गुणों के चलते काफी लोकप्रिय हो गया है। बाजार में इसकी मांग को देखते हुए देश के अन्य भागों में भी इसकी खेती की जा रही है। हालांकि काले चावल की कीमत अन्य चावल के मुकाबले अधिक होने से यह अब भी सामान्य लोगों की पहुँच से दूर है। काले चावल की लोकप्रियता को भुनाने के लिए ऑनलाइन सरकारी प्लेटफॉर्म ओएनडीसी (डिजिटल कॉमर्स नेटवर्क) इसे सस्ते में बाजार में बेच रहा है।
100 से120 दिन में तैयार हो जाता है Black Rice
काला चावल की पैदावार सबसे पहले चीन में हुई थी, बाद में यह भारत के मणिपुर में उगाया जाने लगा। इसे मणिपुर काला धान या चखाओ काला धान के नाम से जाना जाता है। मणिपुर के आलावा इसे असम और सिक्किम में भी उगाया जाता है। हालांकि, कुछ किसान महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी इसकी खेती कर रहे हैं। यह काला धान 100 से120 दिन में तैयार हो जाता है और इसका पौधा पौधा 4.5 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है, जो आम धान के पौधे की तुलना में बड़ा होता है।
powerful antioxidant से भरपूर
काला चावल को अपना आकर्षक रंग एंथोसायनिन से मिलता है, एक प्राकृतिक काले रंग का रंगद्रव्य जो इन चावलों को असाधारण एंटी-ऑक्सीडेंट गुण और अन्य स्वास्थ्य लाभयुक्त बना देता है। इसे जैविक तरीके से उगाया जाता है, जिससे इसमें nutritional value बढ़ जाती है। किसान काला धान बुवाई के दौरान जीबामृत, वर्मीकम्पोस्ट और जैव उर्वरक का उपयोग करते हैं। अन्य प्रकार के चावल की तुलना में काले चावल में विशेष रूप से पोषक तत्व अधिक होते हैं. लेकिन यह विशेष रूप से एंथोसायनिन से समृद्ध है और पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाते हैं।
आटा, सूजी, सिरप, बीयर, वाइन, केक, ब्रेड बनाने में इस्तेमाल
काला धान भी आम धान की तरह ही बाली की शुरुआत और दाना भराव होता है। इसका उत्पादन औसतन प्रति एकड़ 12-15 क्विंटल होता है। काले चावल का इस्तेमाल ज्यादातर औषधि के रूप में खीर के रूप में किया जाता है। काला चावल का आटा, सूजी, सिरप, बीयर, वाइन, केक, ब्रेड, लड्डू और अन्य मीठे खाद्य पदार्थ और ब्यूटी प्रोडक्ट समेत कुछ अन्य वस्तुओं को बनाने में किया जाता है।
200-260 रुपये प्रतिकिलो में बिकता है चावल
काला धान की खेती आम धान की तरह ही की जाती है, लेकिन यह अन्य चावल की तुलना में दोगुनी कीमत में बिकता है। आमतौर पर सामान्य धान का चावल 50-60 रुपये प्रति किलो में बिकता है। जबकि, काला चावल बाजार में 200-260 रुपये प्रतिकिलो में बिकता है। लेकिन, किसान उत्पादक संगठनों के जरिए काला चावल को 25 फीसदी छूट के केवल 150 रुपये प्रति किलो कीमत में सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी पर बेचा जा रहा है।