क्या आपने कभी काले टमाटर के बारे में सुना है ? नहीं ना… यही हाल हमारे किसानों का भी है। टमाटर की बात आती है तो आँखों के सामने गोल-मटोल लाल रंग का पदार्थ सामने नजर आता है। लेकिन आधुनिकरण के इस दौर हमें हर दी नई जानकारी नए प्रयोग देखने को मिल रहे हैं। यूरोपीय बाजार में मिलने वाले ब्लैक टमाटर अब जल्द ही भारतीय बाजार में नजर आएंगे। भारत में भी कई जगह इसकी खेती की शुरुआत हो चुकी है। इसे इंडिगो रोज टोमेटो के नाम से भी जाना जाता है।
वर्तमान में हमारे पास लाल टमाटर की तुलना में काले टमाटर की खेती के बारे में अधिक चर्चा है। काले टमाटरों को लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है, ये टमाटर बाहर से काले और अंदर से लाल होते हैं और स्वाद में ज्यादा खट्टे या मीठे नहीं होते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इसका स्वाद नमकीन होता है।
लाल टमाटर की तुलना में अधिक औषधीय गुण
काले टमाटर में लाल टमाटर की तुलना में अधिक औषधीय गुण होते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल, वजन और शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इसे खाने से कैंसर जैसी बीमारी से राहत मिलती है। इसके खास स्वाद और गुणों के कारण भारत में इसकी मांग बढ़ गई है
भारत की जलवायु काले टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त
लाल टमाटर की तरह ही काले टमाटर की भी खेती की जाती है। भारत की जलवायु काले टमाटर की खेती के लिए भी उपयुक्त है। इसकी खेती के लिए जमीन का पीएच मान 6-7 के बीच होना जरूरी है। काले टमाटर की बुवाई करने के लिए जनवरी का महीना सबसे सही रहता है। जब आप इस समय काले टमाटर की बुआई करते हैं तो मार्च-अप्रैल तक आपको इसकी फसल मिलना शुरू हो जाती है। हालांकि, इसकी पैदावार लाल रंग के टमाटरों के मुकाबले थोड़ी देरी से शुरू होती है.
सबसे पहले इंग्लैंड हुई शुरुआत
काले टमाटर की खेती सबसे पहले इंग्लैंड में की गई, इसलिए इसका नाम इंडिगो रोज़ टोमैटो फार्मिंग पड़ा। इसकी खेती का श्रेय रे ब्राउन को जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रे ब्राउन ने जेनेटिक म्यूटेशन के जरिए काले टमाटर को तैयार किया था। वहीं काले टमाटर की खेती में सफलता के बाद अब भारत में भी काले टमाटर की खेती शुरू हो चुकी है। इसे यूरोप के मार्केट में ‘सुपरफूड’ कहते हैं।
प्रति हेक्टेयर 4 से 5 लाख रुपये का लाभ
काले टमाटर की खेती की लागत लाल टमाटर के समान ही है। आपको केवल बीज के लिए अधिक भुगतान करना होगा, लेकिन यदि आप लाभ पर विचार करते हैं तो आपको प्रति हेक्टेयर 4 से 5 लाख रुपये का लाभ मिल सकता है। एक एकड़ भूमि में लगभग 200 क्विंटल काले टमाटर का उत्पादन होता है। बाजार में यह लगभग 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक जाता है।