अरहर ,मूंग ,मसूर और उड़द की दालों ने पहले ही किचन का बजट बिगाड़ रखा है अब इसमें चने की दाल भी शामिल होने जा रही है। मार्च महीना शुरू होते ही महंगाई आसमान छूने लगी है। हर चीज के दाम बढ़ रहे हैं । अब इस लिस्ट में चना दाल भी शामिल होने जा रही है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने कई राज्यों में चने की फसल बर्बाद की है। जिसका सीधा असर इसके रकबे पर पड़ा है और इसका उत्पादन घट गया है। उत्पादन में कमी से चना दाल का दर बढ़ सकता है।
कीमत 85 से 95 रुपये प्रति किलो के बीच
व्यापारियों का कहना है कि चना दाल की खुदरा कीमत 110 रुपए प्रति किलोग्राम या इससे भी अधिक होने की संभावना है। चना दाल देशभर के बाजारों में दूसरी सबसे सस्ती दाल है। और अब ये भी महंगी बिकेगी तो आम जनता को काफी परेशानी होगी। अभी मार्केट में चना दाल की कीमत 85 से 95 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच है।
कीमत बढ़ने की क्या है वजह
केंद्र सरकार द्वारा 29 फरवरी को खरीफ-रबी सीजन की दूसरे अग्रिम अनुमान में चने का उत्पादन लगाया गया है , जो 2022 -23 के 122.67 लाख टन से मामूली कम है। यही वजह है कि चना दाल कि कीमतों में बढ़ोतरी कि बात कही जा रही है। वहीं मूंग ,मसूर ,अरहर ,और उड़द जैसी दालों की कीमत 130 -140 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक है। उम्मीद है कि इनकी कीमत में अभी बढ़ोतरी नहीं होगी।
रबी सीजन के दौरान नमी की कमी के कारण कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में चने की पैदावार भी घटने की खबरें आई हैं। वहीं, पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान हुआ है। कहा जा रहा है कि कीमत में उछाल आएगा।
पैदावार में आई गिरावट
महाराष्ट्र में बारिश से 74 ,000 हेक्टेयर से अधिक रबी कृषि भूमि प्रभावित हुई है। कर्नाटक में गुलबर्गा के व्यापारियों ने कहा कि उन्हें फंगल रोगों के हमले के कारण पैदावार में 30 प्रतिशत कि गिरावट देखने को मिल रही है ,जबकि मध्य प्रदेश से भी यही खबर है। सरकार के पास चने का स्टॉक लगभग 9 लाख टन है जिसे अभी तक मार्केट में नहीं जारी किया गया।