केंद्र सरकार ने बिना तेल वाली चावल की भूसी पर बैन लगा दिया है। ये बैन को 31 मार्च से बढ़ाकर फिल्हाल के लिएं 31 जुलाई कर दिया गया है।
31 जुलाई 2024 तक नही होगा एक्सपोर्ट
वैसे ये बात कम ही लोग जानतें होगें की विश्व भर में राइस ब्रान मील का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर भारत ही है । भारत से सालाना 10 लाख टन से भी अधिक राइस ब्रान मील एक्सपोर्ट किया जाता है। चावल की इस भूसी का उपयोग हाई ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और भी कई रोगों के इलाज के लिएं किया जाता है ।
दूध के दाम में बढ़ोतरी से पड़ा असर
एक्सपर्ट्स की माने तो इस बैन की वजह भारत मे तेज़ी से बढ़ रहें दूध के भाव हैं। ये भाव पशुओं को खिलाने वाले चारे की महंगाई की वजह से बढ़ रहें हैं। ऐसा माना जा रहा है की एक्सपोर्ट पर बैन लगाने से पशु चारे की कीमत मे कटौती हो सकती है।
सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे
हालाकि, वही दुसरी ओर सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार को अपने इस फ़ैसले पर एक बार फिर से विचार करने को कहा है। उनके अनुसर इस बैन से दूध की कीमतों मे कोई अधिक कटौती नहीं होगी, क्योंकि पशुओं के चारे में महज 25 से 30% चावल की भूसी का उपयोग किया जाता है। ऐसे में इसके एक्सपोर्ट पर बैन लगाने से दूध की कीमतों मे कोई भारी गिरावट देखने को नहीं मिलने वाली है ।