गोट फार्मिंग यानि बकरी पालन आज के ज़माने में सबसे अधिक फादेमंद बिजनेस ऑपर्चुनिटी है। पहले केवल बकरी के मीट की डिमांड रहती थी लेकिन अब बकरी का दूध और मेंगनी भी लाखों की कमाई करवा रहा है। बीते कुछ वक्त से बकरी पालन की तस्वीर बदली है। आज बकरी का दूध-मीट ही नहीं उसकी मेंगनी भी मुनाफा कराती है। मेंगनी का इस्तेमाल ऑर्गेनिक खाद के तौर पर किया जाता है। कुल मिलकर बकरी पालन व्यवसाय आय का अच्छा जरिया है। अगर आप भी इस व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं निचे दिए गए इन टिप्स को फॉलो जरूर करें।
ऑर्गनिक फार्मिंग में बकरी की मेंगनी का खूब होता है इस्तेमाल
एक्सपर्ट की मानें तो गाजर, मूली, शलजम जैसी सब्जियों के लिए मेंगनी से तैयार खाद बहुत ही ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। मशरूम के लिए तो मेंगनी की खाद को सोना कहा जाता है। नेचुरल और ऑर्गनिक फार्मिंग में भी मेंगनी का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है।
20 से 25 बकरे-बकरियों के साथ गोट फार्मिंग करें शुरू
अगर आपके पास बकरी पालन के लिए जगह ज्यादा है तो आप 20 से 25 बकरे-बकरियों के साथ गोट फार्मिंग शुरू कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको 20 स्क्वायर फीट लम्बे और 20 फीट चौड़े हॉल की जरूरत होगी। इस साइज के हॉल को तैयार कराने में आज के बाजार रेट के हिसाब से करीब 125 से 175 रुपये स्क्वायर फीट का खर्च आएगा।
कम लागत में बेहतर मुनाफा
वैसे आप चाहें तो एक बकरी से भी शुरुआत कर सकते हैं। शुरुआती अनुभव लेने और नुकसान से बचने के लिए 10 बकरियों से भी शुरुआत की जा सकती है। लेकिन 25 बकरियों का प्लान कुछ इस तरह से है कि 20 बकरियों के साथ ही पांच बकरे भी पाले जाएंगे। बकरियों के शेड के लिए कोई बहुत ज्यादा तैयारी करने की जरूरत नहीं है।
हर साल छह हजार रुपये प्रति बकरी मुनाफा
20 बकरी और पांच बकरों के पालन पर तीन से साढ़े तीन लाख रुपये तक की लागत आती है। इस बात का ख्याल रखें कि जहां बकरी रखी जाएंगी वो जगह जमीन से थोड़ी ऊंची हो। हर छह महीने पर उस जगह की मिट्टी को बदल दिया जाए। पुरानी मिट्टी खेत में डाल दी जाए और नई मिट्टी बकरियों के शेड में भर दी जाए। ऐसा करने से बकरियों को कई तरह की बीमारी से बचाया जा सकता है। अगर मुनाफे की बात करें तो एक साल में एक बकरी पर 5.5 हजार रुपये से लेकर छह हजार रुपये प्रति बकरी मुनाफा होगा।