देश में हाइड्रोपोनिक खेती को बढ़ावा देने के केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। महाराष्ट्र सरकार ने पशु आहार के लिए हाइड्रोपोनिक्स अपनाने वाले किसानों को 50% सब्सिडी प्रदान की है। हाइड्रोपोनिक एक ग्रीक शब्द है, जिसका अर्थ है बिना मिट्टी के केवल पानी की मदद से की जाने वाली खेती। यह एक आधुनिक खेती है, जिसमें पानी के उपयोग से जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है।
महाराष्ट्र सरकार की 50% subsidy
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने हर राज्य के लिए अलग-अलग सब्सिडी तैयार की है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के माध्यम से प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग सब्सिडी उपलब्ध है। हाइड्रोपोनिक खेती में तापमान 15-30 डिग्री के बीच और आर्द्रता 80-85 प्रतिशत रखी जाती है। जल के माध्यम से भी पौधों को पोषक तत्व मिलते हैं। इसमें मिट्टी की बजाये कंकड़ और पत्थर का इस्तेमाल किया जाता है।
पाइप के माध्यम से की जाती है खेती
हाइड्रोपोनिक खेती में पाइप के माध्यम से खेती की जाती है। इनमें ऊपर से छेद किये जाते हैं और उन छेदों में पौधे लगाये जाते हैं। पाइप में पानी रहता है और पौधों की जड़ें उस पानी में डूबी रहती हैं। इस पानी में पौधे को आवश्यक हर पोषक तत्व घुल जाता है। ऐसे में इस तकनीक को बढ़ावा देने और मिट्टी पर किसानों की निर्भरता को कम करने के लिए सरकार इसपर 50% की छूट भी दे रही है।
आधिकारिक वेबसाइट पर करें आवेदन
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने प्रत्येक राज्य के लिए सब्सिडी नियम तैयार किए हैं। किसान इन नियमों और शर्तों के अधीन हाइड्रोपोनिक्स खेती के लिए सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए इच्छुक किसानों को अपने राज्य में उपलब्ध अनुदान और योजनाओं का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा।