मूंग की खेती में कितनी सिंचाई की होती है जरूरत? बुवाई के कितने समय बाद देना चाहिए पानी?

हरे चने के नाम से मशहूर मूंग दाल, भारत में एक मुख्य दाल है। अपने पोषण के लिए मशहूर मूंग प्रोटीन, आयरन फाइबर और न जाने कितने पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ऐसे में मूंग दाल की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। भारत में मूंग दाल की खेती गुजरात, आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, बिहार और हरियाणा में होती है।

कौन से मौसम में होती है खेती?:
मूंग की खेती अक्सर गर्मी के मौसम में की जाती है। इसकी खेती के लिए 27 से 30 डिग्री के तापमान को सर्वोत्तम माना गया है। इसकी सबसे अच्छी खेती हलकी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी पर की जाती है।

कितनी सिंचाई की होती है ज़रूरत:
मूंग की खेती खरीफ फसल के रूप में होती है। गर्मी के मौसम को देखते हुए मूंग की फसल को तीन से पांच सिंचाई की आवश्यकता होती है। मूंग की अधिकतम उपज के लिए बुवाई के 2 महीने बाद सिंचाई बंद कर देनी चाहिए। मूंग की फसल के लिए 300 से 400 mm पानी की ज़रूरत होती है।

फसल के लिए कैसे करे भूमि को तैयार?
मूंग की खेती करने से पहले भूमि की दो से तीन बार जुताई होनी आवशयक है। मूंग की खेती के लिए मार्च और अप्रैल के महीने को सर्वोत्तम माना गया है। मूंग के पौधों के बीच 7 cm और पंक्ति के बीच 22 cm की दूरी की आवश्यकता होती है।

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