पपीते की खेती में इन बातों का रखें ख्याल, नहीं तो होगा भारी नुकसान!!

पपीते को फलों में काफी लाभदायक माना जाता है। पपीते की खेती साल के सभी महीनों में की जाती है और इससे साल भर तक मुनाफा भी कमाया जा सकता है। भारत में पपीते की खेती के लिए अप्रैल के महीने को सर्वोत्तम माना जाता है हालांकि, इसकी खेती के लिए कुछ बातो का ध्यान रखना पड़ता है।

आइए,जानते है किन बातो का रखना पड़ता है ध्यान:

टेम्प्रेचर का रखे ध्यान:

पपीते की खेती गर्म मौसम में की जाती है, इसके लिए 30 से 35 डिग्री के टेम्प्रेचर को सर्वोत्तम माना जाता है। ऐसे में अगर टेम्प्रेचर कम होता है तो पपीते की फसल को नुकसान हो सकता है। पपीते की खेती के लिए दोमट मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसे में पपीते के पौधे को सूरज की रौशनी में ही रखना चाहिए।

पानी न भरने दे:

पपीते के नए पौधों को पानी देना काफी ज़रूरी होता है, पानी को सीधा जड़ो तक पहुंचाने के लिए ड्रिप का उपयोग किया जा सकता है। अप्रैल और गर्मी के मौसम में पपीते के पौधों को पानी देना बेहद ज़रूरी होता है, हालांकि अधिक पानी देने से पौधे की जड़े ख़राब हो सकती है।

अधिक धूप और ठंड भी करती है पौधों को नुकसान :

पपीते के पौधों के लिए धूप भी काफी ज़रूरी होती है। हालांकि अधिक धूप मिलने से पौधे ख़राब भी हो सकते है। इसलिए अधिक धूप पड़ने पर जाली का उपयोग किया जा सकता है।

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