Summer season की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे में फल लोगो के लिए एक healthy ऑप्शन के तौर पर सामने आता है। गर्मियों के मौसम में लोगो को फल खाना बेहद पसंद होता है। उन्ही मे से एक फल है लीची । लीची की डिमांड मार्केट में बहुत अधिक होती है। लीची स्वादिष्ट होने के साथ साथ काफी nutritious भी होती है। रोज लीची खाने से शरीर की immunity भी बढ़ती है।
ऐसे में लीची की खेती किसानों के लिए एक फायदे का सौदा हो सकती है।
आइए जानतें हैं की कैसे की जा सकती है लीची की खेती
भारत में लीची की खेती, Uttar Pradesh, Madhya Pradesh और Jammu and Kashmir मे होती है। लीची की खेती के लिए 5 से 7 वाली बलुई दोमट मिट्टी को सर्वोत्तम माना जाता है।
लीची के बीजों को रोपने का समय monsoon के बाद आता है। लीची के एक और दूसरे पौधे के बीच कम से कम 10 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए। लीची को रोपने के लिए खेतो में 80 से 90 सेंटीमीटर के गड्ढे बनाएं जाते हैं। इन गड्ढों में खाद और potash मिलाकर भर देना चाहिए। ये काम बारिश से पहले करना चाहिए, जिससे बारिश के बाद इन गड्ढों को भर दिया जाए।
कितने समय में तैयार होती है फसल
लीची की फसल को पूरी तरह से तैयार होने में काफी टाइम लगता है। लीची की फसल 12 से 15 साल में पूरी तरह से तैयार होती है। हालाकि एक बार तैयार होने के बाद मार्केट में लीची के दाम अच्छे मिलते हैं, जिससे मुनाफा कमाया जा सकता है।