Agriculture University : भारत में कृषि क्षेत्र को और अधिक सक्षम बनाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं का विस्तार कर रही है। इसी तर्ज पर सरकार ने कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ‘उन्नत फलदार फसलों के तहत बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और वाणिज्यिक कृषि का विकास’ परियोजना को लागू करने के लिए प्रशासनिक मंजूरी दे दी है।
डाॅ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय को आगामी अवधि में तीन अलग-अलग परियोजनाओं को लागू करने की मंजूरी दी गई है, जिसके लिए 11 करोड़ से अधिक की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। ये प्रोजेक्ट रिसर्च के लिहाज से अहम माने जा रहे हैं। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की 34वीं राज्य स्तरीय परियोजना अनुमोदन समिति की बैठक में ‘पंदेकृवि ‘ परियोजना को दो वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के लिए अनुमोदित किया गया। इसके लिए सात करोड़ 47 लाख रुपये स्वीकृत किये गये।
अत्याधुनिक बीज परीक्षण प्रयोगशाला
समिति की बैठक में विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत अत्याधुनिक बीज परीक्षण प्रयोगशाला की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके लिए दो करोड़ चार लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। इससे अधिसूचित बीज परीक्षण प्रयोगशाला को सुदृढ़ कर उन्नत बीज परीक्षण की स्थापना की जायेगी।
उत्पादकता बढ़ाने के लिए तृणधान्य उत्पादन, बीज उत्पादन परियोजनाएँ
मिलेट की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पौष्टिकता के कारण इन अनाजों की मांग भी समाज में तेजी से बढ़ रही है। अब तक उपेक्षित रहे इन अनाजों के बीज उत्पादन को बढ़ाने के लिए ‘पंदेकृवि ‘ में एक विशेष परियोजना लागू की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने दो करोड़ चार लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। इस निधि से मिलेट के बीजों की वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे। परियोजना को विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक के अधिकार के तहत कार्यान्वित किया जाएगा।