दिल्ली। देश के कई राज्यों में किसान सफ़ेद गोभी की खेती करते हैं। गोभी की खेती आमतौर पर सर्दियों के मौसम में की जाती है। गोभी में कई प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं। गोभी से सब्जी, पराठा,अचार व विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं। वर्तमान समय में कई राज्यों के किसान रंगीन गोभी की खेती कर रहे हैं, इसकी मांग बड़े बड़े शहरों में बनी रहती हैं। रंगीन गोभी के व्यंजन फाइव स्टार होटलों में भी मिलते हैं।
लोगों का ऐसा मानना हैं कि फूलगोभी केवल सफेद रंग की होती है लेकिन ऐसा नहीं है। फूलगोभी विभिन्न प्रकार के रंगों की होती है। अब बाजार में गुलाबी, हरे और पीले रंग की भी फूलगोभी उपलब्ध होती हैं। रंगीन फूलगोभी कीमत में सफेद फूलगोभी की तुलना में अधिक होती है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के किसान रंगीन फूलगोभी की खेती करते हैं। रंगीन फूलगोभी की खेती करके किसान अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
महानगरों में बनी रहती है मांग
रंगीन फूलगोभी में सफेद फूलगोभी की तरह विटामिन और पोषक तत्व समान मात्रा में पाए जाते हैं। महानगरों में इसकी अधिक मांग होती है विशेष रूप से पांच स्टार होटलों और रेस्टोरेंट में वेजिटेबल सूप बनाने के लिए रंगीन फूलगोभी का उपयोग अधिक होता है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, पटना, लखनऊ, और चेन्नई सहित कई महानगरों और शहरों में रंगीन फूलगोभी की बिक्री अधिक मात्रा में होती हैं।मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, पटना, लखनऊ और चेन्नई सहित कई महानगरों और शहरों में रंगीन फूलगोभी के खरीददार अधिक हैं। इसलिए किसानों के लिए रंगीन फूलगोभी की खेती करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
खेत की मिटटी का पी एच मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए।
कृषि विशेषज्ञों की माने तो रंगीन गोभी की खेती करने के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त माना जाता है और खेत की मिट्टी का पी एच मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए। किसान भाई इसकी खेती दोमट मिटटी में कर सकते हैं। किसान भाई इसकी खेती के लिए खाद के रूप में वर्मी कम्पोस्ट व गोबर का प्रयोग कर सकते हैं,वर्मी कम्पोस्ट से उत्पादन अच्छा होता है।