अब क्लोनिंग की मदद से बचाई जाएगी लुप्त हो रहे पौधों की प्रजाति

आज कल के आधुनिक समय में कई पौधे लगातार गायब होते जा रहे है। ऐसे में उन्हें बचाने के लिए प्रयास चल रहे है। ऐसा ही एक प्रयास दिल्ली में भी होने जा रहा है। दरअसल दिल्ली में पौधों की रक्षा के लिए वन विभाग असोला भाटी वाइल्डलाइफ सेंचुरी में टिश्यू कल्चर लैब बनने जा रहा है।

रिपोर्ट्स के अनुसार विलायती कीकर की अधिकता की वजह से पौधों की नयी प्रजाति पनप नहीं रही है। ऐसी प्रजातियों की लिस्ट में हिंगोट, खैर,पलाश, देसी बबूल और कुल्लू जैसे पौधे शामिल है।

कैसे होगी आगे की प्रक्रिया:

वन विभाग के अधिकारी ने बताया की लैब के लिए टेंडर भरने का प्रोसेस शुरू हो चुका है। हालांकि अगर बिडर नहीं आया तो सिचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को लैब बनाने की ज़िम्मेदारी सौप दी जाएगी। इस लैब के लिए वन कर्मचारी और बॉटनिस्ट की ज़रूरत पड़ेगी। इस लैब के तैयार हो जाने के बाद इसमें कई विलुप्त हो रहे पौधों के टिश्यू को तैयार किया जायेगा। इस लैब में उन प्रजातियों को रिजनरेट किया जायेगा जो अब विलुप्त होने की कगार पर जा पहुंची है। इसके साथ ही पौधों को लगाने से पहले इस बात का खास ख्याल रखा जायेगा की क्लोनिंग स्टेज पर कोई वायरस न मौजूद हो।

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