प्याज किसानों ने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। प्याज का सही दाम न मिलने और निर्यात बंदी से संकट में आये किसान अब लोकसभा चुनाव पर बहिष्कार डालने की तैयारी में है। महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालवाड़ी ग्राम पंचायत सहित आसपास के गांवों के सभी प्याज किसान सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे हैं।
मालवाड़ी के किसानों ने जगह जगह साइन बोर्ड लगाया है। इस साइन बोर्ड पर लिखा है की “हम तय करेंगे की वोट किसे देना है”। किसानों ने ये साइन बोर्ड इस उम्मीद में लगाया गया है कि जब चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष के जन प्रतिनिधि वोट मांगने आएंगे तो उन्हें प्याज किसानों की अहमियत और उनकी परेशानी का पता चलेगा।
आर्थिक तंगी से गुजर रहे किसान सरकार से नाराज है। किसानों की शिकायत है कि पिछले साल मार्च में जब पूरा गांव कठिनाइयों से जूझ रहा था, तब सत्ताधारी दल या विपक्ष का कोई भी नेता मालवाड़ी में परेशान किसानों से मिलने नहीं आया।
चुनाव को देखते हुए सरकार ने पिछले साल प्याज निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। सरकार के इस निर्णय पर किसानों ने कड़ा विरोध किया था, हालाँकि इतने विरोध के बावजूद सरकार नहीं पिघलि। प्याज किसानों को सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिली। अब सरकार महंगाई को काबू में करने के लिए प्याज का बफर स्टॉक कर रही है इससे किसानों को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद भी ख़त्म हो गई है।
प्याज पर प्रतिबंध लगने की वजह से किसानों को उनके उपज का बेहतर दाम नहीं मिल रहा है। नासिक और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्याज की काफी अधिक खेती की जाती है. लेकिन किसानों को वाजिब दाम नहीं मिलने के कारण यहां के किसान साइन बोर्ड लगाकर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं।