प्याज के गिरते दामों ने एक ओर जहां किसानों की हालात पतली कर दी है वहीं केंद्र सरकार ने दो देशों को 20 हजार टन प्याज एक्सपोर्ट करने का फैसला लिया है। इन देशों में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और श्रीलंका शामिल है। हालांकि देश में प्याज निर्यात पर प्रतिबन्ध के बावजूद सरकार इन देशों को प्याज भेज रही है वह कहां से आ रहा है इसपर केंद्र ने कोई खुलासा नहीं किया है।
10-10 हजार टन प्याज एक्सपोर्ट
यूएई और श्रीलंका को 10-10 हजार टन प्याज एक्सपोर्ट होगा। इससे पहले भी भारत यूएई को दो बार में 24400 मीट्रिक टन प्याज के एक्सपोर्ट की अनुमति दे चुका है।
एनसीईएल के जरिये भेजा जा रहा है प्याज
एक्सपोर्ट बैन के बीच भारत अब तक करीब एक लाख मीट्रिक टन प्याज अलग-अलग देशों में एक्सपोर्ट करने का एलान कर चुका है। यह सभी एक्सपोर्ट सहकारिता मंत्रालय के अधीन आने वाली कंपनी नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के जरिए हो रहे हैं। उधर निजी क्षेत्र के व्यापारी भी इस फैसले से नाराज हैं।
नहीं मिलेगा किसानों को कोई लाभ
आखिर यह प्याज कहां से खरीदा जा रहा है, किन किसानों से खरीदा जा रहा है, सरकार इसपर चुप्पी साधे हुए है। जबकि एनसीईएल की स्थापना किसानों को फायदा दिलाने के हुई थी लेकिन किसानों को इसका फ़ायदा नहीं मिल रहा है।
दोगलेपन से व्यापारी और किसान नाराज
केंद्र सरकार ने घरेलू महंगाई को काबू करने के लिए 7 दिसंबर, 2023 को प्याज एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। इसका किसानों और व्यापारियों ने भारी विरोध दर्ज करवाया था। एक तरफ एक्सपोर्ट को पूरी तरह से बैन करने का एलान किया गया लेकिन कुछ ही दिनों बाद एनसीईएल के जरिए कुछ देशों को प्याज एक्सपोर्ट करने की मंजूरी दी जाने लगी। सरकार के इस दोगलेपन से व्यापारी और किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी देखि जा रही है।
किन किन देशों को भेजा जा रहा है प्याज
एक्सपोर्ट बैन होने के बाद से अब तक सरकार बांग्लादेश को 50,000 टन, संयुक्त अरब अमीरात को 34,400 टन, श्रीलंका को 10,000 मीट्रिक टन, बहरीन को 3,000 टन, मॉरीशस को 1,200 टन और भूटान को 550 टन प्याज एक्सपोर्ट करने की अनुमति दे चुकी है।
40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी
सरकार की रणनीतियों से किसान परेशां है। हालात यह है की प्याज उत्पादक अपनी लागत भी नहीं वसूल पा रहे हैं। प्याज निर्यात प्रतिबन्ध से पहले सरकार ने अगस्त 2023 में प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी थी। जिसक किसानों ने भारी विरोध किया था।
घटेगा प्याज का उत्पादन
सरकार की नीतियों के चलते किसानों ने प्याज की खेती कम कर दी है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्याज की खेती की जाती है। पिछले साल के लगभग 302.08 लाख टन के उत्पादन की तुलना में इस साल लगभग 254.73 लाख टन ही प्रोडक्शन होने का अनुमान है। यानी प्याज का उत्पादन करीब 47 लाख टन कम हो सकता है। यह आंकड़ा सरकार और उपभोक्ताओं दोनों के लिए चिंता बढ़ाने वाला है।