सरकार आम लोगों को राहत देने के लिए कई सारें योजना लाती है, जिससे उन्हें राहत मिल सकें। दरअसल कार्ड धारकों को राशन वितरण किया जाता है लेकिन अब यही राशन ई-वीइंग मशीन से वितरण किया जाएगा। इस नई तकनीकी से कालाबाजारी पर भी रोक लग जाएगी। इस नई तकनीक से कार्ड की यूनिट के अनुसार तराजू पर राशन रखा जाएगा। तभी पर्ची निकलेगी नहीं, तो कम राशन देने या न देने पर अंगूठा लगाने के बाद भी वितरण मान्य नहीं होगा।
अभी तक जानकारी सामने आयी है यह तकनीक फिलहाल यूपी के लखनऊ ,उन्नाव ,कौशांबी और वाराणसी समेत 8 जिलों में कि गयी है।बाकी जिलों में मार्च से शुरुआत किया जाएगा। मार्च से जितने जिले बचे उन्हें ‘ई-वीइंग’ मशीन से राशन वितरित किया जाएगा। कार्डधारक अकसर शिकायत करते हैं कि उन्हें मात्रा से कम राशन दिया जाता है। कार्डधारकों का आरोप है कि ई -पास मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद भी कोटेदार कई तरह के बहाने बनाकर राशन नहीं देते है या देते भी हैं तो मात्रा से कम। सरकार का दावा है कि अब इस तकनीक से उनकी ये समस्या दूर हो जाएगी।
इस तकनीक से काला बाजारी पर लगेगी रोक
अब ई-वीइंग मशीन से तराजू व ई -पास मशीन कनेक्ट रहेगी। कोटेदार कार्ड धारक का अंगूठा लगाने के बाद यूनिट के मात्रा अनुसार जब राशन तराजू पर रखेगा तभी पर्ची निकलेगी। वहीं तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी द्वारा निर्धारित उचित दर दुकानों कि संख्या के अनुसार ई -काटें तथा ई -पास मशीनों का सुरक्षित भण्डारण किया जा रहा है। विधिक बाट-माप विभाग के निरीक्षकों द्वारा स्थल पर ई -काटों की स्टाम्पिंग का कार्य किया जा रहा है।
कार्ड धारकों को मोबाइल पर SMS द्वारा मिलेगी सूचना
अब कार्ड धारकों को मोबाइल पर SMS भेज दी जाएगी। दरअसल ई-पास मशीनों के माध्यम से कार्ड धारकों की पहचान बायोमेट्रिक
प्रमाणीकरण से सुनिश्चित करते हुए खाद्यान्न वितरण किए जाने की प्रक्रिया क्रियाशील हो जाएगी। इसके अंतर्गत नवीन ई -पास मशीनों के साथ ई-वीइंग स्केल का एकीकरण किया जा रहा है। नई व्यवस्था में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ -साथ कार्ड धारक को प्राप्त होने वाले खाद्यान्न की मात्रा की तौल भी सुनिश्चित किये जाने की योजना है। पावती रसीद होते ही कार्डधारक को खाद्यान्न प्राप्ति के सम्बन्ध में SMS चला जायेगा। जिससे वे आसानी से राशन ले सकते है। इसके कारण सिस्टम में पारदर्शियता आएगी और कार्ड धारकों को राशन आसानी से मिल सकेगा।