बाजार में घट गए सोयाबीन के दाम, पिछले साल के मुकाबले कम हुआ भाव

महाराष्ट्र में सोयाबीन की फसल वर्ष 2021 में अच्छे दामों पर बिकी थी। वर्ष 2022 में जब भाव कम हुआ तो किसान भाइयों ने फसल को बेचने की बजाय उसे स्टोर कर लिया था । जब 2023 में जब स्टोर किये हुए सोयाबीन को किसान बाजार में बेचने गए तो उन्हें 2022 के बाजार भाव से भी कम दामों पर बेचना पड़ा। सोयाबीन के घटते दामों को लेकर महाराष्ट्र के किसान काफी चिंतित है।

सोयाबीन की गिरती कीमतों के कारण परेशान उन्होंने फसल काटकर अपने घरों में स्टॉक कर लिया था। उनका कहना है कि उन्होंने दामों में बढ़ोतरी की उम्मीद में सोयाबीन को संग्रहित किया था। लेकिन अब पैसों की कमी के कारण उन्हें सोयाबीन को कम दामों पर बेचना पड़ रहा है। 2021 में सोयाबीन का दाम 10,000 से 11,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था हालांकि इस वर्ष किसानों को सिर्फ 3000 से 5000 रुपये में बेचना पड़ रहा है। सोयाबीन की घटती कीमतों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब किसान मायूस होकर सोयाबीन को कम दामों पर बेच रहे हैं।

किसानों को सोयाबीन, कपास समेत अन्य फसलों के नहीं मिल रहे उचित दाम

बीते सोमवार को राज्य की सभी मंडियों में लगभग 20,000 कुंतल सोयाबीन बिक्री के लिए आया। महाराष्ट्र के किसानों को बेमौसम बारिश से खरीफ और रबी दोनों फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों को सोयाबीन, प्याज, कपास जैसी फसलों का उचित दाम नहीं मिलने के कारण नुकसान हुआ है। किसानों ने फसल को काटकर घर में ही स्टॉक करके रख लिया था। हालांकि मौजूदा समय में किसानों को सोयाबीन बेचना पड़ रहा है क्योंकि उनके पास पैसे के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

राज्य के किसानों को सोयाबीन के दामों में बढ़ोतरी की उम्मीद

महाराष्ट्र में पिछले दो सालों से सोयाबीन के दामों में भारी गिरावट आई है। उन्हें उम्मीद थी कि 2021 की तरह ही 2022 में भी उचित दाम मिलेंगे लेकिन जब 2022 में यह उम्मीद पूरी नहीं हुई तो उन्होंने सोयाबीन को स्टोर कर लिया। लेकिन 2023 में सोयाबीन का दाम 2022 से भी कम हो गया है। पिछले साल सोयाबीन का दाम 7000 से 8000 रुपये प्रति क्विंटल था इससे किसानों को डबल नुकसान हुआ है । किसान अब इतने निराश हैं कि उन्हें दाम में वृद्धि की कोई उम्मीद नहीं है।

 

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