बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की, जिसमें धान, रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का और कपास शामिल हैं। इससे सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का लाभ होगा और किसानों को पिछले साल से 35,000 करोड़ रुपये अधिक मिलेंगे।
इसके अलावा, 2024-25 के खरीफ विपणन सत्र के लिए धान का एमएसपी 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
सूचना प्रसारण मंत्री ने किया मीडिया को संबोधित:
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें किसानों के कल्याण के लिए बहुत से नए फैसले हो रहे हैं।
उन्होंने बताया, “मंत्रिमंडल ने 14 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दिया है, जिसमें धान, रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का और कपास शामिल हैं। इस निर्णय से किसानों को लगभग दो लाख करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछले सीजन से 35,000 करोड़ रुपये अधिक है।”
वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल ने आर्थिक विकास के लिए मजबूत नींव बनाई है और तीसरे कार्यकाल में उन्हें लोगों के लाभ के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को उनके लागत से 50 प्रतिशत अधिक की कीमत देने का वादा कर रही है और यह निर्णय उसी उद्देश्य के अनुसार लिए गए हैं।
सामान्य और ग्रेड ए धान की MSP में हुई बढ़ोतरी:
वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि आने वाले खरीफ सत्र के लिए ‘सामान्य’ ग्रेड धान की एमएसपी को 117 रुपये बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ‘ए’ ग्रेड किस्म के लिए इसे 2,320 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
धान की निर्धारित कीमत में वृद्धि की गई है जबकि सरकार के पास धान का अतिरिक्त भंडारण है। लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनाव होने से पहले यह वृद्धि महत्वपूर्ण है।
वैष्णव ने कहा कि सरकार ने 2018 के केंद्रीय बजट में यह निर्णय लिया था कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन कीमत) कम से कम उत्पादन लागत का 1.5 गुना होनी चाहिए। इस बार की एमएसपी वृद्धि में यह नियम का पालन किया गया है।
CACP ने की थी लागत की गणना:
वैष्णव ने कहा कि CACP ने वैज्ञानिक तरीके से लागत की गणना की है।
भारतीय खाद्य निगम के पास वर्तमान में लगभग 53.4 करोड़ मीट्रिक टन चावल है, जो 1 जुलाई के लिए आवश्यक बफर स्टॉक से चार गुना है और बिना किसी नई खरीद के एक साल के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त है।
मौसम विभाग के अनुसार, 1 जून को मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से देश भर में लगभग 20 प्रतिशत कम वर्षा के बावजूद, अब मौसम की स्थितियाँ बारिश के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल हैं।
पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे ज्यादा वृद्धि तिलहन और दलहन के लिए की गई है।
सरकार ने किया किसानों का समर्थन:
किसानों का समर्थन करने के लिए सरकार ने सामान्य धान का एमएसपी ₹117 बढ़ाकर ₹2,300 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि “ग्रेड ए” का एमएसपी ₹2,320 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। ज्वार हाइब्रिड का एमएसपी ₹191 बढ़ाकर ₹3,371 और मालदंडी क्वालिटी का एमएसपी ₹196 बढ़ाकर ₹3,421 कर दिया गया है; बाजरा का एमएसपी ₹125 बढ़ाकर ₹2,625; रागी का एमएसपी ₹444 बढ़ाकर ₹4,290 और मक्का का एमएसपी ₹135 बढ़ाकर ₹2,225 कर दिया गया है।
वहीं दालों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने अरहर दाल का एमएसपी ₹7,550 प्रति क्विंटल कर दिया है; मूंग का एमएसपी ₹124 बढ़ाकर ₹8,682; और उड़द का एमएसपी ₹450 बढ़ाकर ₹7,400 कर दिया है। तिलहन श्रेणी में मूंगफली का एमएसपी ₹406 बढ़ाकर ₹6,783; सूरजमुखी के बीज का एमएसपी ₹520 बढ़ाकर ₹7,280; सोयाबीन (पीला) का एमएसपी ₹292 बढ़ाकर ₹4,892, 292; तिल का एमएसपी ₹9,267; और नाइजरसीड का एमएसपी ₹8,717 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। कपास (मध्यम स्टेपल) के एमएसपी में 501-501 रुपये की वृद्धि कर इसे 7,121 रुपये प्रति क्विंटल तथा कपास (लंबा स्टेपल) के एमएसपी में 7,521 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
GFX
फ़सल। बढ़ोतरी
मूंग 803
तूर 400
उरद 350
कपास 540
बाजरा 150
धान 143
रागी 268
ज्वार 210
मक्का 128
मूंगफली 527
सोयाबीन 300
सूरजमुखी 360
नाइजर सीड 447
सेसमम 805