विदेशों में कृषि उत्पादकों के निर्यात के मामले में भारत काफी पीछे है हालांकि सरकार निर्यात बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। भारत कृषि प्रधान देश है। वैश्विक बाजार में भारत के कृषि उत्पादकों की मांग तेजी से बढ़ रही है। कृषि क्षेत्र में भी आयेदिन नए प्रयोग किये जा रहें हैं जिससे उत्पादन अधिक हो और किसानों को इसका सीधा फ़ायदा मिल सके।
20 प्रोडक्ट की निर्यात क्षमता 56.7 अरब डॉलर
केंद्र सरकार किसानों के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए एक्शन प्लान बना रही है। इसके तहत ऐसे 20 एग्री प्रोडक्ट का चयन किया गया है जिसका विदेशों में एक्सपोर्ट बढ़ाया जायेगा। इसमें नॉन रेगुलेटेड प्रोडक्ट भी शामिल हैं। एग्री प्रॉसेसिंग फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी एपीडा के अनुसार इन 20 प्रोडक्ट की निर्यात क्षमता 56.7 अरब डॉलर से अधिक है। सरकार की नई एक्सपोर्ट रणनीति से किसानों को अपने उत्पादों का अधिक दाम मिलने और बिक्री में तेजी का लाभ मिलेगा।
एक्सपोर्ट के लिए सरकार का एक्शन प्लान
एक्सपोर्ट को बढ़ाने की दिशा में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार केला, आम, आलू और बेबी कॉर्न सहित लगभग 20 एग्री प्रोडक्ट के लिए कार्य योजना बना रही है और ये अगले 3-4 महीनों में तैयार होने की संभावना है।
वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2.5 फीसदी
वाणिज्य विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्तमान में वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2.5 फीसदी है, जो काफी कम है, इसे बढ़ाकर बढ़ाकर 4-5 फीसदी करने की योजना है। उन्होंने कहा कि जिन प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट दायरा बढ़ाने की योजना है उनमें फ्रेश अंगूर, अनार, तरबूज, अमरूद, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, भिंडी, लहसुन, प्याज, मूंगफली, काजू, बफैलो मीट, गुड़, नेचुरल शहद और घी समेत कुछ अन्य प्रोडक्ट शामिल हैं। इसमें उत्पादन समूहों की पहचान के लिए राज्य सरकारों को भी शामिल किया जाएगा। ताकि, प्रोडक्ट को विदेश भेजने में आसानी हो सके।
अमेरिका, मलेशिया, कनाडा, रूस, जर्मनी जैसे देशों में बढ़ेगा एक्सपोर्ट
एग्री प्रोडक्ट या उससे जुड़े उत्पादों को उन देशों में निर्यात किया जाएगा, जहां बाजार बड़ा और मांग अधिक बनी रहने की संभावना है। ऐसे देशों में अमेरिका, मलेशिया, कनाडा, रूस, जर्मनी, फ्रांस, कोरिया, चीन, इंडोनेशिया, जापान, इटली, बेल्जियम और यूके शामिल हैं। भारतीय उत्पादों के निर्यात की यहां भारी संभावना है।