सरकार द्वारा दूध उत्पादक किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान का लाभ अभी भी कई किसानों को नहीं मिल पाया है। इन किसानों तक इस योजना का लाभ पहुँचाने के लिए ग्रामीण स्तर पर काम कर रहे दूध संघटन भी अब सब्सिडी के लिए आवाज उठा रहे हैं। कोल्हापुर जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष अरुण डोंगले ने मांग की है कि ऐसे दुग्ध संगठनों को सरकार की और से प्रोत्साहन के रूप में कम से कम 50 पैसे प्रति लीटर दिया जाना चाहिए। काम करने वाले प्राथमिक दुग्ध संगठनों को कोई मजदूरी नहीं मिलती है। इसके चलते संगठन स्तर पर उदासीनता देखी जा रही है।
50 पैसे प्रति लीटर का मिले भुगतान
डोंगल ने कहा, ‘सरकार ने गाय के दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी की घोषणा की है। लेकिन दुग्ध संगठनों को कोई पारिश्रमिक नहीं मिलता है। इसलिए संस्थानों के स्तर पर उदासीनता देखी जा रही है।संस्थानों से सरकार के नियमानुसार प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। इसके लिए दुग्ध संस्थाओं को कम से कम 50 पैसे प्रति लीटर का भुगतान किया जाना चाहिए।
कई किसानों को 5 रुपये सब्सिडी का नहीं मिला लाभ
राज्य में गाय के दूध की कीमत को लेकर किसानों द्वारा सरकार को घेरे जाने पर राज्य सरकार ने दूध उत्पादक किसानों के लिए 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी की योजना की घोषणा की। यह योजना एक माह के लिए की गयी थी जिसे सरकार ने एक महीने और बढ़ाकर 11 जनवरी से 10 फरवरी तक कर दिया, अब इस योजना को और एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद इस सब्सिडी योजना का लाभ कम ही दूध उत्पादकों को मिला है।
जल्द ही लिया जाएगा फैसला
डोंगल ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को तत्काल सब्सिडी प्रदान करने के लिए शर्तों में ढील दी जानी चाहिए । तभी यह सब्सिडी सीधे दूध उत्पादकों के बैंक खाते में जमा की जा सकेगी। इस अवसर पर डेयरी विकास विभाग के सचिव तुकाराम मुंढे और आयुक्त प्रशांत मोहोड़ उपस्थित थे। डोंगल ने कहा कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा।