लखनऊ: गन्ना तो मीठा होता ही है पर मोदी सरकार ने उसके दामों में बढ़ोतरी करके गन्ना किसान के मुँह की मिठास और बढ़ा दी है| दरअसल उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों के मुकाबले गन्ने का उत्पादन अधिक होता है। प्रदेश के लाखों किसान गन्ने की खेती करते हैं। केंद्र सरकार ने द कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज की सिफारिश पर गन्ने की एफआरपी बढ़ाने कीअनुमति दे दी है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी| अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में गन्ने के दाम में बढ़ोतरी करके फआरपी 305 रुपये से बढ़कर 315 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित की गई है है| जिससे गन्ने पर एफआरपी 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दी है | सरकार के फैसले के बाद गन्ना उत्पादक किसान काफी खुश हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा होगा और दूसरे राज्यों के किसानों को भी लाभ मिलेगा। वर्ष 2022-2023 में यहां 28.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने का उत्पादन हुआ था।
आज कैबिनेट की बैठक में गन्ने के दाम में बढ़ोतरी करके 315 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है
-केंद्रीय मंत्री @ianuragthakur #CabinetDecisions pic.twitter.com/ilnh7KHzpR
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) June 28, 2023
आपको बता दें कि चीनी का अगला सत्र अक्टूबर महीने से शुरू हो रहा है इससे लाखों किसानो को फायदा होगा। वहीं कुछ लोग इस फैसले को राजनैतिक नजरिये से भी देख रहे हैं उनका कहना है कि अगले साल लोकसभा चुनाव है जिसको देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते नौ वर्षों में गन्ने के दामों में 105 रूपये की बढ़ोतरी हुई है।
भारत दुनिया में चीनी निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है| साथ ही उत्पादन के मामले में भारत सबसे बड़ा उत्पादक देश है | गौर करने वाली बात ये है कि उत्तर प्रदेश में देश में सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन होता है। प्रदेश के लाखों किसान गन्ने की खेती करते हैं। प्रदेश के किसानों के लिए गन्ना आय का मुख्य जरिया है इससे किसान भाई अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। सत्र 2022-2023 में प्रदेश 28.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानो ने गन्ने की फसल लगाई थी। महाराष्ट्र के किसानों ने 14.9 लाख हेक्टेयर में क्षेत्रफल में गन्ने की बुवाई की थी।
चीनी के उत्पादन में आई गिरावट
उत्तर प्रदेश में 119 चीनी मिल हैं और 50 लाख से ज्यादा किसान गन्ने की खेती करते हैं। और इस बार प्रदेश में 1102.49 टन गन्ने का उत्पादन हुआ था और चीनी मीलों में 1,099.49 टन गन्ने की पेराई चीनी मिलों में हुई थी। बीते सत्र चीनी मिलों में105 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। गत वर्ष प्रदेश के शामली जिले में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन हुआ था। आपको बता दें कि इस सत्र देश में चीनी का उत्पादन 35.76 मिलियन टन से घटकर 32.8 मिलियन पर पहुँच गया है।