केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज अरहर उत्पादकों के लिए शुरू किया पोर्टल, किसानों के लिए बनेगा वरदान

Cooperation Minister Amit Shah

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत के अरहर किसानों के पंजीकरण, खरीद और भुगतान के लिए पोर्टल लॉन्च किया। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत 2027 तक दालों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मूंग और चना के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो गया है। लेकिन, आज भी देश अन्य दालों का आयात कर रहा है। अमित शाह ने आज नई दिल्ली में अरहर किसानों के पंजीकरण, खरीद और भुगतान के लिए एक पोर्टल लॉन्च करने के बाद यह बात कही। अमित शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि किसान दलहन क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

अमित शाह ने यह भी कहा कि पिछले नौ वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार ने दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘2013-14 में दालों का उत्पादन 1.9 करोड़ टन था, जो 2022-23 में बढ़कर 2.6 करोड़ टन हो गया। श्री शाह ने किसानों से एनसीसीएफ और नेफेड के साथ खुद को पंजीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी दालों की खरीद करेगी।

इस दौरान उन्होंने दालों की आत्मनिर्भरता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को भी संबोधित किया। किसान केंद्रित पहल का उद्देश्य किसानों को अरहर दाल उत्पादकों को प्रदान करना है। नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा खरीद सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण के माध्यम से बेहतर कीमतों के साथ सशक्त बनाना है, जिससे घरेलू दाल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात निर्भरता कम होगी। इसके तहत भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार नेफेड और एनसीसीएफ के पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से दालों के बफर स्टॉक की खरीद की जाएगी और एमएसपी या बाजार मूल्य जो भी अधिक हो, उसका भुगतान किसानों को किया जाएगा।

पोर्टल पर पंजीकरण खरीद और भुगतान की प्रक्रिया एक ही माध्यम पर उपलब्ध होगी। किसानों का पोर्टल पंजीकरण सीधे या पैक्स और एफपीओ के माध्यम से किया जाएगा। किसान को भुगतान नेफेड द्वारा किया जाएगा और सीधे उनके मैप किए गए बैंक खाते में किया जाएगा और बीच में कोई एजेंसी शामिल नहीं होगी। पूरी प्रक्रिया किसान केंद्रित है जिसमें पंजीकरण से लेकर भुगतान तक की गतिविधियों को किसान स्वयं ट्रैक कर सकते हैं।

इन राज्यों को होगा फायदा

यह पहल “आत्मनिर्भर भारत” अभियान का पूरक है। यह पोर्टल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, , तेलंगाना, , गुजरात, कर्नाटक और झारखंड के तूर दाल उत्पादकों के लिए पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा, जिससे पंजीकरण, खरीद और भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सकेगा। इसका उद्देश्य किसानों से सीधे बफर स्टॉक का 80% खरीदकर आयात पर निर्भरता को कम करना है। यह न केवल खाद्य उत्पादन को सुरक्षित करेगा, बल्कि राष्ट्र की भविष्य की खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। https://esamridhi.in बहुभाषी इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल किसानों, नेफेड और संबंधित सरकारी विभागों को जोड़ेगा, जबकि बेहतर पहुंच के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा।

नई हरित क्रांति की होगी शुरुआत

तूर दाल खरीद पोर्टल का शुभारंभ एक नई हरित क्रांति के सरकार के व्यापक दृष्टिकोण का प्रतीक होगा जो गेहूं और चावल जैसी पारंपरिक फसलों के साथ दालों और तिलहनों को कवर करेगा। सभी खाद्य श्रेणियों में आत्मनिर्भरता भारतीय कृषि के लिए फायदेमंद होगी और लाखों किसानों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य होगा।

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