गेहूं की खरीद में इस साल क्यों हो रही गिरावट, सरसों की खरीद का इस साल क्या है हाल?

wheat procurement

भारत में गेहूं का प्रोडक्शन बड़े स्तर पर किया जाता है। इस फसल की खरीदी सरकार किसानों द्वारा मंडियों से करती है।
हालांकि इस बार गेहूं की खरीद में भारी गिरावट देखने को मिली है, जो की काफी हैरान करने वाली बात है, देशभर में गेहूं की खरीद में 37 % की गिरावट देखने को मिली है। आखिर इसकी गिरावट के पीछे की क्या वजह है, आइए जानते हैं।

 

ये है खरीद में गिरावट की वजह:
भारत में इस साल 18 अप्रैल तक 60.58 लाख टन गेहूं की खरीदी हुई है। वहीं पिछले साल ये आकड़ा 95 लाख टन था, भारत में अभी तक खरीदी में 35 लाख टन की कमी देखने को मिली है। पिछले साल बाज़ार में 130 लाख तो गेहूं था, तो वहीं इस साल बाज़ार में 86 लाख टन गेहूं ही मौजूद है।

किसानों ने इस कमी के लिए बारिश को वजह बताया है, जिस वजह से पर्याप्त मात्रा में मंडियों में गेहूं पहुंच नहीं सका है। किसानों का मानना है की फसल की कटाई में तेज़ी आने के बाद ये कमी दूर हो जायेगी।

सरसों की बिक्री में देखने को मिली है तेज़ी:
इस साल देश में सरसों का उत्पादन अच्छी मात्रा में हुआ है। सरकार भी इस साल सरसों की खरीदी में इज़ाफ़ा कर रही है। सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक गेहूं को MSP पर खरीदना है। ऐसे में इस साल सरसों की खेती करने वाले किसानों को बंपर मुनाफा देखने को मिल सकता है।

पिछले साल सरकार ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के राज्यों से गेहूं MSP पर ख़रीदा था। 2024 की रबी मार्केटिंग सीजन के लिए सरकार ने सरसों के लिए 5650 रुपये प्रति क्विंटल MSP सरसों पर तय किया है।

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