मशरूम एक ऐसी फसल है जिसमें लागत कम है लेकिन मुनाफे की बात करें तो यह अनलिमिटेड है। इसमें मिलने वाले प्रॉफिट को देखते हुए किसानों के बीच मशरूम की खेती का चलन तेजी से बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में किसान बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती कर रहें हैं। यहां किसानों के लिए मशरूम की खेती और इसके बिक्री का एक बड़ा केंद्र भी बनने जा रहा है। इससे न सिर्फ किसानों को फ़ायदा होगा बल्कि स्वयंसेवी महिलाओं को भी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। इस केंद्र के जरिये युवाओं के लिए रोजगार भी उपलब्ध होंगे।
सोनभद्र में खुलेगा मशरूम बिक्री केंद्र
सोनभद्र जिले में डीएमएफ कोटे से पहला मशरूम यूनिट चैंबर बनने जा रहा है। मशरूम के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्वयंसेवी समूह की महिलाओं के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने की कोशिश भी उद्यान विभाग के द्वारा की जा रही है। मशरूम को प्राथमिक उच्च, प्राथमिक विद्यालय के मिड डे मील के साथ ही औद्योगिक परियोजनाओं में संचालित मेस के उपयोग में लाया जाएगा।
किसान और स्वयंसेवी महिलाओं को प्रशिक्षण
सोनभद्र जिले के राजकीय पौधशाला परिसर में जिला खनिज निधि से निर्मित मशरूम उत्पादन इकाई और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 1000 वर्ग मीटर में पॉली हाउस का निर्माण किया जा रहा है।
कम लागत में बेहतर मुनाफा देता है मशरूम
मशरूम का उत्पादन काफी आसान है। प्रति बैक से 2 किलो तक मशरूम तैयार होता है। उत्पादन केंद्र पर फिलहाल 1600 बैग तैयार किए गए हैं जिससे 32 क्विंटल मशरूम उत्पादित होता हैं। मशरूम में उच्च क्वालिटी के एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन ,विटामिन बी कांप्लेक्स, फाइबर होता है। इम्युनिटी को मशरूम मजबूत बनाता है।
मिड डे मिल और मरीजों को खाने में मिलेगा मशरूम
मशरूम को अस्पतालों के मरीजों के भोजन में भी शामिल करने की तैयारी हो रही है। मशरूम से एनीमिया और कुपोषण दोनों से लड़ने में सहायक है। इसके अलावा यह केंद्र महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ उनकी बेहतर आमदनी का जरिया भी बनेगा। युवाओं को केंद्र में खेती का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
पॉली हाउस के जरिए पुरे साल होगी मशरूम की खेती
पॉली हाउस तकनीक मशरूम के उत्पादन के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है। पॉली हाउस के जरिए किसी भी मौसम में मशरूम की फसल को उगाया जा सकता है। इस केंद्र पर किसानों और स्वयंसेवी महिलाओं को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ खेती की लागत का 40 से 50 फ़ीसदी तक अनुदान भी दिया जाएगा।