डबल मुनाफे की उम्मीद में किसानों ने गेहूं की उपज रोक दी है। पिछले दो साल के मुकाबले इस साल गेहूं का उत्पादन अधिक होने की वजह से मंडियों में इसकी बंपर खरीदारी होने की उम्मीद थी। हालांकि अब ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है क्योकि किसानों ने अपने स्टॉक को रोक रखा है। किसानों ने ऐसी उम्मीद जताई है की आने वाले दिनों में उन्हें उनकी उपज का बंपर रेट मिलेगा, इस वजह से वो गेहू लेकर मंडियों में नहीं जा रहे है। सरकार के अनुसार इस साल देश में 112 टन गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद है।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट प्रमोद कुमार ने ‘बिजनेसलाइन’ से कहा, हालांकि इस साल गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन देखा जा रहा है। लेकिन गेहूं मंडियों में बिक्री के लिए नहीं आ रहा है। यहां तक कि सरकारी खरीद के लिए भी गेहूं अब मंडियों नहीं बचा है। इसका बड़ा कारण है किसान अपने स्टॉक को रोक कर बैठ गए हैं। किसानों को उम्मीद है की गेहूं का दाम अभी और बढ़ेगा जिससे उन्हें अच्छे दाम मिलेंगें।
एक्सपर्ट्स की क्या है राय?:
फेडरेशन ने पिछले हफ्ते एक सर्वे कराया था जिसमें गेहूं उत्पादन की जानकारी ली गई थी। फेडरेशन का अनुमान है कि इस साल गेहूं का उत्पादन 3 फीसद अधिक रह सकता है और इसका आंकड़ा 105 करोड़ टन से अधिक होने की संभावना है। दूसरी ओर अमेरिकी कृषि विभाग का अनुमान है कि भारत में 112 करोड़ टन से अधिक गेहूं का उत्पादन होगा। इससे थोड़ा सा कम 110 करोड़ टन के आसपास गेहूं उत्पादन का अनुमान देश के कृषि मंत्रालय ने जताया है।
सूत्रों के अनुसार देश के सभी राज्यों में इस साल गेहू की अच्छी फसल देखने को मिली है सिवाय मध्य प्रदेश और गुजरात के। इस मामले में सबसे आगे पंजाब है जहा गेहूं की पैदावार ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वजह गेहूं की पैदावार 5 टन प्रति हेक्टेयर हुई है।
किसानों को क्या है तकलीफ़:
किसानों के गेहू मंडी न लाने के जवाब में प्रमोद कुमार कहते है,असली वजह गेहूं की MSP से खुले बाजार में उसका भाव है। इस साल गेहूं का (MSP) 2275 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि बाजारों में इससे अधिक रेट मिल रहा है। दरअसल किसान MSP पर मंडियों में सरकार को गेहूं बेचना नहीं चाह रहे हैं। यही वजह है कि वे अपना स्टॉक रोक कर बैठ गए हैं। बाजारों में गेहूं का दाम 2300 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक मिल रहा है।