चीनी उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र एक बार फिर अन्य राज्यों की तुलना में सबसे आगे निकल गया है। महाराष्ट्र में इस बार बंपर चीनी का उत्पादन हुआ है। राज्य से 109.36 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। कर्नाटक, गुजरात का सीजन पूरी तरह खत्म हो चुका है। इस सीजन में कर्नाटक ने 50 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि गुजरात ने 9 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। इस साल अप्रैल के मध्य तक महाराष्ट्र देश में सबसे ज्यादा 10.9 लाख टन चीनी का उत्पादन कर चीनी उत्पादन में अग्रणी है।
दूसरे स्थान पर रहा उत्तर प्रदेश
इंडियन शुगर एंड बायोएनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश 101 लाख टन चीनी का उत्पादन कर दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र में 2023-24 के गन्ना पेराई सीजन में राज्य के चीनी मिलों ने 1066.86 लाख टन गन्ने की पेराई की है। चीनी का यह उत्पादन राज्य में पेराई का काम कर रही 207 मिलों को मिलाकर हुआ है। इनमें से अब 196 मिलों ने गन्ने की पेराई का काम बंद कर दिया है।
बारिश के कारण देर से शुरू हुई पेराई
चीनी उद्योग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस बार बेमौसम बारिश के कारण देर से गन्ना की पेराई शुरू हुई, जो महाराष्ट्र में चीनी उद्योग के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। इससे उत्पादन भी बढ़ा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिली।
इस साल अधिक गन्ने की पेराई
पिछले साल के गन्ना पेराई सीजन की बात करें तो इस अवधि के दौरान 211 मिलों ने मिलकर 1053.91 लाख टन गन्ने की पेराई की थी। इससे 105.23 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। हालांकि इस साल अधिक गन्ने की पेराई भी हुई है और चीनी का उत्पादन भी अधिक हुआ है।
207 चीनी मिलों ने पेराई में भाग लिया
एक रिपोर्ट के अनुसार इस सीजन में कुल 207 चीनी मिलों ने पेराई में भाग लिया जिसमे 103सहकारी और 104 निजी मिलें शामिल थी। 15 अप्रैल, 2024 तक के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1091.36 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है। महाराष्ट्र में वर्तमान सीजन में पिछले सीजन के मुकाबले अब तक 189 चीनी मिलों ने पेराई बंद किया है। जबकि पिछले सीजन में 211 चीनी मिलों ने पेराई बंद किया था। इस साल चीनी रिकवरी की प्रतिशत 10 प्रतिशत है।