प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलित किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी कानून मांग के मुद्दे पर कहा कि एमएसपी कहीं नहीं जा रही है.प्रधानमंत्री ने अपने साक्षात्कार में आगे कहा , हम न केवल धान और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों पर एमएसपी दे रहे हैं, बल्कि हम किसानों को ऐसी दालें उगाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो उनकी कमाई बढ़ाने में मददगार साबित होंगी. फसल विविधीकरण पर हमारा फोकस है, हम फसल विविधीकरण अपनाने वाले किसानों को जरूरी मॉनिटरिंग के साथ ही पॉलिसी सिक्यूरिटी कवर देंगे।
एमएसपी कानून बनाने और भाजपा नेताओं को गांवों में प्रचार करने से रोकने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान हरियाणा और पंजाब की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक इंटरव्यू में इस सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने ही सही मायनों में एमएसपी लागू किया। पिछले दशक में मेरी सरकार ने एमएसपी की कीमत और एमएसपी के तहत खरीदी जाने वाली फसलों की मात्रा में वृद्धि की है। मेरी सरकार ने पंजाब के किसानों के बैंक खातों में एमएसपी का सीधा ट्रांसफर शुरू किया है। हम पंजाब और हरियाणा के किसानों की जरूरतों को समझते हैं और एमएसपी के मुद्दे पर हमेशा उनके साथ सहयोग किया है।
किसानो को दाल की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हम एक कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। हम न केवल चावल और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों के लिए एमएसपी प्रदान कर रहे है हैं, जो पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं, बल्कि किसानों को दालें उगाने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं, जिनकी बाजार में अधिक डिमांड है। दालें उगाने से किसानों को अपना मुनाफा बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है।
फसल विविधीकरण अपनाने पर सरकार की ओर से मिलेगी सिक्योरिटी कवर:
पीएम मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि चिंतित किसान फसल विविधीकरण को अपनाएं. हमें इन किसानों को वह वित्तीय और राजनीतिक सुरक्षा देनी होगी जिसकी उन्हें ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दल भी फसल विविधीकरण का समर्थन करते हैं। प्रधान मंत्री ने कहा कि एमएसपी यहां रहेगा। भविष्य के लिए किसानों को सशक्त बनाने और क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने के लिए इसका विस्तार किया जा रहा है। हमारे किसान भारत की विकास गाथा का अभिन्न अंग हैं। इसलिए मेरी सरकार अब उनकी जरूरतों को पूरा करना चाहती है और भविष्य में उन्हें मजबूत और सशक्त बनाना चाहती है।
केंद्र सरकार के MSP कानून को लेकर पिछले काफी समय से किसान उनके खिलाफ पंजाब और हरियाणा की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
गौरतलब है की देश में इस समय छठे चरण का चुनाव अपने चरम पर है, ऐसे में पार्टिया वोटर्स को लुभाने में ज़ोर शोर से लगी हुई है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा की आने वाली सरकार किसानों के हितो को देखते हुए किस तरह के फैसले लेती है। देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून तक जनता के सामने आ जायेंगे।