गर्मी के मौसम में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन जैसी समस्या से इंसान ही नहीं जानवर भी परेशान है। कई कई राज्यों का पारा 40 से 42 डिग्री तक पहुँच गया है। ऐसे में जानवरों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिला तो उन्हें डिहाइड्रेशन या हिट स्ट्रेस जैसे परेशनियों का सामना करना पड़ सकता है। इतनाही नहीं डिहाइड्रेशन से पशु बीमार भी पड़ सकते हैं। ऐसे में पशुओं को साफ और ताजा पानी समय समय पर देतें रहें।
गर्मी में पानी की कमी होने पर पशुओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पशुओं की चारा खाने और उसे पचाने की क्षमता कम हो जाती है। शरीर के जरूरी पोषक तत्वा मल-मूत्र के जरिए बाहर निकलने लगते हैं। पशुओं की दूध उत्पादन और प्रजनन क्षमता पर असर पड़ने लगता है।
गर्मी में ऐसे करें पशुओं की देखभाल
गर्मी में पशुओं को बार-बार पानी पिलाते रहें। जहां तक संभव हो पशुओं को ताजा और ठंडा पानी ही पिलाएं। पशुओं के शरीर पर भी दिन में कम से कम तीन बार पानी का छिड़काव करें। पशुओं को सूखी तूड़ी 30 फीसद और हरा चारा 70 फीसद खिलाएं। ताजा तूड़ी खिलाने से पहले उसे भिगो लें। शाम को भिगोकर रखी गई तूड़ी सुबह खिलाएं। पशु के सामने हमेशा नमक का बड़ा टुकड़ा रखें, इसे चाटने से प्यास लगती है।
पशुओं को सुबह-शाम नहलाएं
पशुओं को सुबह-शाम नहलाएं जरूर। जहां पशु बांधे जाते हैं वहां भी पानी का छिड़काव करें। पशुओं को छायादार जगह पर बांधना चाहिए। पानी की कमी महसूस होने पर घर पर ही नमक-चीनी से तैयार घोल पिलाते रहना चाहिए।
क्या है लक्षण
जब पशुओं में पानी की कमी हो जाती है तो कई तरह के लक्षण से इसे पहचाना जा सकता है। पानी की कमी से पशुओं को भूख नहीं लगती है। पशु सुस्ती और कमजोर हो जाते हैं। पेशाब गाढ़ा होना, वजन कम होना, आंखें सुखना जैसी लक्षण दिखाई देने लगते हैं।