भारत के अलग अलग हिस्सों में सोयाबीन की खेती की जाती है। ऐसे में सोयाबीन की खेती कम समय में किसानों को अधिक मुनाफा दे रही है। जिसकी वजह से अब बड़े स्तर पर सोयाबीन की खेती को प्रोत्साहन मिल रहा है।
किसान अलग अलग क्षेत्रो में सोयाबीन की खेती वहां की मिट्टी और जल को देखते हुए करते है। हालांकि कई जगहों पर बारिश की कमी और कीड़ो के चलते फसल भी ख़राब हो जाती है।
इसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है, हालांकि किसानों की मुश्किलों को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने एक नयी किस्म विकसित कर ली है।
सोयाबीन की ये किस्म अलग मौसम में भी अच्छा प्रोडक्शन देने में सक्षम होगी। इस किस्म का नाम NRC 152 रखा गया है।
सोयाबीन की ये किस्म की सबसे अच्छी बात ये है की कम बारिश में भी इसकी पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसकी फसल को तैयार होने में भी ज़्यादा समय नहीं लगता है।
इस नयी किस्म को खास तौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों के लिए बनाया गया है. बुवाई के दो महीने के अंदर ही ये फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है।