महाराष्ट्र के आम किसानों के अच्छे दिन आने वाले हैं। जल्द ही महाराष्ट्र का हापुस अमेरिका के बाजार में नजर आएगा। इस साल 5 हजार टन आम का निर्यात किया जायेगा। पिछले साल मौसम की मार से आम के उत्पादन में कमी आई थी लेकिन इस साल उत्पादन बढ़ा है। उत्पादन बढ़ने से दाम भी घटे हैं। अन्य राज्य के आम की तुलना में कोंकण का हापुस अधिक लोकप्रिय है और विदेशी बाजार में इसकी मांग भी अधिक है।
अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देशों को निर्यात
महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अनुसार, निर्यात के लिए लक्षित बाजार 5 हजार टन है। बोर्ड के प्रबंध निदेशक संजय कदम ने द इंडियन एक्सप्रेस को एक साक्षात्कार में बताया कि उनका लक्ष्य अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देशों को निर्यात करना है। कृषि विपणन बोर्ड ने यह भी बताया कि कोंकण का सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला आम इस बार सभी बाजारों में उपलब्ध होगा।
अनुकूल मौसम के कारण अच्छी फसल की उम्मीद
इस साल आम के सीजन की अच्छी शुरुआत हुई है और किसान अनुकूल मौसम के कारण अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे हैं। कोंकण क्षेत्र के उत्पादक विशेष रूप से उत्साहित हैं। कर्नाटक के आम अभी भी बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। जिसके कारण सीजन की शुरुआत में महाराष्ट्र के कोंकण की प्रमुख किस्म हापुस, केसर का निर्यात किया जा रहा है। वाशी बाजार समिति से यह आम विदेशों में निर्यात किया जाएगा।
425 टन आम के निर्यात को हरी झंडी
कदम ने कहा कि अमेरिकी फाइटोसैनिटरी इंस्पेक्टर के 10 अप्रैल को आने की उम्मीद है, जिसके बाद अमेरिका को पूर्ण निर्यात शुरू हो जाएगा। इससे पहले अनार के निर्यात पर नजर रखने वाले इंस्पेक्टर 425 टन आम के निर्यात को हरी झंडी दे चुके हैं। अमेरिका के अलावा, MSAMB का लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ के देशों में बाज़ारों का विस्तार करना है।
अच्छे रिटर्न के लिए विकसित देशों को लक्ष्य
भारतीय आम, विशेषकर कोंकण का हापुस, मराठवाड़ा का केसर और गुजरात का आम निर्यात के लिए बेहतरीन हैं। महाराष्ट्र का ज्यादातर आम खाड़ी देशों में जाता है। लेकिन ज्यादातर किसान और निर्यातक विकसित देशों को लक्ष्य बनाते हैं क्योंकि वहां रिटर्न अच्छा होता है।
इस सीजन में 21.79 मिलियन टन आम का उत्पादन
भारतीय किसान 2.4 लाख हेक्टेयर में आम उगाते हैं और अनुमान के मुताबिक, इस सीजन में 21.79 मिलियन टन आम का उत्पादन होगा। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 22963.76 टन फलों का निर्यात किया गया।