आखिर कैसे 7 दशक पहले शुरू हुई Amul कंपनी बन गयी भारत की सबसे बड़ी Dairy कंपनी ??

भारत में शायद ही कोई ऐसा होगा जो इस नाम से परिचित न हो, आज़ादी से पहले गुजरात में शुरू हुआ ये सफर आज देश का सबसे बड़ा मिल्क और डेरी ब्रांड बन चुका है।

77 साल पहले ऐसे हुई थी इस कंपनी की शुरुआत!!

अमूल मिल्क कंपनी का 50 साल का ये सफर काफी शानदार रहा है। अमूल कंपनी की नींव 77 साल पहले 1946 में पड़ी थी। दरसअल,आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड यानी अमूल एक प्राइवेट कोओपरेटिव सोसाइटी है, जो गुजरात के आणंद में स्तिथ है। इसकी शुरुआत से पहले मिल्क प्रोडूसर्स अपने दूध को ट्रेडर्स को बेचने के लिए मजबूर थे। ऐसे में दूध के प्रोडूसर्स की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए किसी ऐसे कोओपरेटिव सोसाइटी की स्थापना करने की ज़रूरत थी।

सरदार पटेल ने निभाया था अहम रोल:

ये एक ऐसा समय था जब अंग्रेज़ो के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई अपने अंतिम दौर में थी, हालांकि इन सब के बाद भी गुजरात के कैरा में दूध बेचकर अपना जीवन चलने वाले लोग दलालो के बीच उलझे हुए थे। उन्हें अपने दूध की सही कीमत नहीं मिल पा रही थी। वही दूसरी और दलाल उसे बेचकर अपनी जेब भर रहे थे।

लगातार हो रहे अत्याचार के बाद कैरा में किसानो ने आंदोलन शुरू कर दिया, जिसमे सरदार पटेल ने एक एहम रोल अदा किया इसी समय उनके मन में दूध सेक्टर के लिए एक कोओपरेटिव समिति को गठन करने का विचार आया। इस समिति का नाम रखा गया कैरा जिला कोऑपरेटिव दूध उत्पादक संगठन जिसको आज लोग अमूल के नाम से जानते है।

1950 में आया बदलाव का दौर:

ट्रेडर्स के अत्याचार को रोकने के लिए कंपनी को रजिस्टर कराया गया। लोकल बिज़नेस कार्टेल की नीतियों ने इस आंदोलन को गति दे दी। जिसके बाद प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में ये निर्णय लिया गया की ये नज़रियाकी नेशनल डेरी विकास नीति का आधार बनना चाहिए। इसके बाद वाइट रेवोलुशन  के जनक डॉ वर्गीज कुरियन और संस्थापक त्रिभुवन दस पटेल को ये ज़िम्मा सौंपा गया। मिल्क प्रोडक्शन में कोओपरेटिव यूनियन के आने के बाद किसानों के पास डेरी का हक़ था। कुछ समय बाद उन्होंने प्रोफेशनल्स को इस डेरी को चलाने के लिए नियुक्त किया। जिसके बाद अमूल मॉडल ने भारत को विश्व का सबसे बड़ा मिल्क प्रोडूसर बनने में मदद की।

हर दिन होती है 150 लाख लीटर दूध की सेल:

आज अमूल गुजरात कोओपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड(GCMMF ) के अंडर आता है। GCMMF का राज्य में लगभग 3 मिलियन प्रोडूसर्स के पास ओनरशिप है। देश भर में अमूल की 144500 कोओपरेटिव समिति में 15 मिलियन दूध प्रोडूसर्स अपना दूध पहुंचाते। उनके दूध को 184 सरकारी संघो में प्रोसेस किया जाता है। जिसके बाद 22 राज्य संघ इसकी मार्केटिंग करते है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार GCMMF हर दिन 2 करोड़ 60 लीटर दूध कलेक्ट करता है। एक दिन में अमूल की कंपनी 150 लाख लीटर दूध की सेल करती है।

दूध के साथ मार्किट में मिलते है और प्रोडक्ट्स:

अपने दूध के साथ साथ अमूल कंपनी मार्किट में और भी डेरी प्रोडक्ट बेचती है, जिसमे बटर, घी, दही, चॉकलेट,आइसक्रीम और चीज़ शामिल है।

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