नागौर | खाली पड़ी जमीन पर लाल – लाल अनार की खेती करके राजस्थान के किसान ने कमाल ही कर दिया है | आवक के स्त्रोत को बढाने के लिए अनार की खेती को आजमाया गया | जितना सोचा भी नहीं था उससे कई गुना अधिक इसमें किसान ने लाभ प्राप्त किया है |
राजस्थान के खींवसर के कटिया गांव के रहने वाले किसान ने खाली पड़ी जमीन का इस्तेमाल करने के लिए सिंदूरी किस्म के अनार की खेती की | जिससे आज किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं | वहीं खाली पड़ी भूमि का सही उपयोग कर रहा है | किसान ने बताया कि जमीन खाली थी और आमदनी बढ़ाने के लिए उन्होंने कृषि विशेषज्ञ से सलाह ली | उसके मद्देनजर अनार की खेती करना शुरू कर दिया |
किसान बलवीर ने कहा, ‘मैनें 2016 में अनार की खेती शुरू की | मैनें सिदूंरी किस्म अनार के पौधे लगाए | प्रत्येक बीघा में 160 अनार के पौधे लगाए | वहीं कुल 20 बीघा में खेती की है | वहीं दो पौधों के बीच में 4 से 5 मीटर की दूरी रखी | 2016 में कुल 6 से 7 लाख रुपये का खर्च आया | अनार की वृद्धि के लिए किसान के द्वारा लाल मिट्टी लाकर पौधों मे डाली और सिंग्ल सुपर फॉस्पेट व पोटाश और गोबर के खाद का उपयोग किया गया | वहीं बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति के माध्यम से पानी पौधों को दिया जाता रहा |
अनार का फल कितने दिन में तैयार होता है
अनार का पौधा 2 से 3 साल में पेड़ बन जाता है और फल देना शुरू कर देता है। अनार के पौधों में फल सेट होने के बाद अनार के फल 5 से 7 महीनों में पककर तैयार हो जाते हैं। सामान्य भाषा में बोला जाये तो 130 से 150 दिनों के बाद तुड़ाई के तैयार हो जाते हैं। पके फल पीलापन लिए लाल हो जाते हैं।
इस तरीके से की खेती
कई बार किसान अनार की खेती तो करते है लेकिनअनार के पौधों के मध्य की दूरी जितनी होनी चाहिए उससे कम कर देते है| जिससे अनार के उत्पादन में असर पड़ता है | किसान बलवीर ने बताया पौधे से पौधे की मध्य की दूरी 4 से 5 मीटर होनी चाहिए | जिससे पौधा बड़ा हो तो उत्पादन अच्छा दे सके |