नींबू की खेती कम लागत में अधिक प्रॉफिट देने वाली फसल है। इसके पौधे को एक बार लगाने के बाद इससे 10 साल तक कमाई की जा सकती है। नींबू की फसल साल भर में तीन बार तैयार होती है। फरुखाबाद के एक किसान राघवेंद्र सिंह राठौर की किस्मत नींबू की खेती से चमक उठी है। उन्होंने बताया की निम्बू की खेती करने में अधिक खर्च नहीं आता। राघवेंद्र ने बताया की खाली पड़े हुए खेतो में आर्गेनिक खाद मिला दे। वही नींबू की फसल को तैयार करने के लिए खुद का बनाया हुआ मिश्रण पौधों में डाल दे। इससे पौधों को उचित मात्रा में पोषण मिलेगा।
खुद बनाया गौमूत्र का घोल:
राघवेंद्र सिंह ने बताया 200 लीटर के ड्रम में 100 लीटर पानी वह रखते हैं। इसमें 10 लीटर मट्ठा, अपनी देशी गाय के एक लीटर गोबर को फिल्टर कर उसका रस व 10 लीटर गोमूत्र डालते हैं। इसके साथ ही 2 किलो बेसन, 5 किलो गुड़ या सीरा, 500 ग्राम नमक, तांबे का टुकड़ा, लोहे की कील का टुकड़ा भी घोल में डाल देते हैं। तीन किलो यूरिया व 5 किलो डीएपी खाद भी डालते हैं। करीब 15 दिन में आर्गेनिक घोल तैयार हो जाता है। यह कीटों से बचाव करता है। उन्होंने बताया कि वे 15 लीटर की टंकी में दो लीटर घोल डालकर फसल में छिड़काव करते हैं।
गर्मी के मौसम में होता है नींबू का ज़बरदस्त प्रोडक्शन:
राघवेंद्र के अनुसार नींबू की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा होती है। एक बीघे में किसान 300 से भी ज़्यादा नींबू के पौधों की रोपाई कर सकते हैं। ये पौधा महज़ 6 महीने में फल देने लायक तैयार हो जाता है। इसके पौधों की रोपाई दिसंबर, फरवरी, जून और सितम्बर के महीने में सर्वोत्तम मानी जाती है।
खेती करने का सही समय:
राघवेंद्र ने बताया की जुलाई और अगस्त का महीना इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा होता है। इसके पौधे को लगाने के लिए एक मीटर गड्ढे की खुदाई करनी चाहिए। 10 दिन धुप लगने के बाद गड्ढे में गोबर की खाद भर देनी चाहिए। जुलाई की पहली बारिश के बाद खेत में लेमन और लाइम दोनों की खेती की जा सकती है। इससे किसान 50 से 60 हज़ार की कमाई कर सकते है।