भारत में धान की पैदावार सबसे अधिक है। भारत विश्व में सबसे अधिक चावल निर्यात करने वाला देश है। देश में चावल का सेवन भी अधिक होता है लेकिन हेल्थ कॉन्शियस चावल खाने से थोड़ा परहेज करते है। लेकिन वैज्ञानिकों ने चावल की चार ऐसी नई वैराइटी तैयार की गई हैं जिसमे प्रोटीन की मात्रा अधिक है। साथ ही इसमें आयरन और जिंक की मात्रा भी बढ़ाई गई है। जल्द ही चावल की ये नई वैराइटी बाजार में उपलब्ध होगी।
एक प्लेट चावल में मिलेगा 10 ग्राम प्रोटीन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के डॉ. हिमांशु पाठक बताया कि अभी तक बाजार में चावल की जो वैराइटी पैदा हो रही है उसके एक प्लेट चावल में पांच ग्राम प्रोटीन होता है लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इन चार वैरायटी में एक प्लेट चावल में 10 ग्राम प्रोटीन है।
सबसे ज्यादा बिकने वाले चावल में डाले जायेंगे यह गुण
डॉ.पाठक ने बताया कि इन चार वैरायटी के गुण भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले चावल में डालने पर शोध किया जा रहा है। इन वैराइटी में सिर्फ प्रोटीन की मात्रा ही ज्यादा नहीं है, बल्कि जिंक और आयरन भी है। कुछ शोध के बाद ये वैरायटी बाज़ार में बिकने के लिए तैयार हो जाएगी।
तीनों वैरायटी रोग प्रतिरोधी क्षमता से लैस
वहीं बासमती की तीन नई किस्म तैयार की गई हैं। यह तीनों वैरायटी रोग प्रतिरोधी क्षमता से लैस हैं। इन पर दवाई छिड़कने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिन दो नई किस्म 1979 और 1985 पर काम चल रहा है उसमे धान की सीधी बिजाई हो सकेगी। इससे खेती के लिए पानी कम लगेगा, ग्रीन गैस का उत्सर्जन कम होगा और किसानों की चार हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक की बचत होगी।
30 से 40 फीसदी बढ़ा साम्भा मसूरी का उत्पादन
सांभा मसूरी वैराइटी पर भी कई शोध जारी है। वैज्ञानिक जीनोम ब्रीडिंग तकनीक पर काम कर रहे हैं। अभी तक सांभा मसूरी से चार से पांच टन तक पैदावार हो रही थी। लेकिन इस कोशिश के बाद से अब पैदावार 35 से 40 फीसद तक बढ़ गई है। इस नई तकनीक से सिंचाई का वक्त भी 20 से 25 दिन तक कम हो गया है।